बर्ड फ्लू से डरे नहीं, बस कोरोना की तरह ही ये सावधानियां बरतें

बर्ड फ्लू से डरे नहीं, बस कोरोना की तरह ही ये सावधानियां बरतें

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस का कहर अभी थमा भी नहीं है कि बर्ड फ्लू फैलने लगा है। ये भारत में काफी तेजी से पैर पसार रहा है। ऐसे में दो खतरनाक बीमारियों का एक साथ आना लोगों को काफी डरा रहा है। ऐसे में लोग क्या करें ये समझ नहीं आ रहा है। तो बता दें कि इससे डरने की जरूरत नहीं है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि एक्सपर्ट का मानना है। दरअसल एक्सपर्ट की माने तो बर्ड फ्लू खतरनाक नहीं है, बशर्ते कुछ सावधानी बरती जाएं। बर्ड फ्लू में कुछ बातों का ध्यान रखेंगे तो टेंशन नहीं होगी। भले ही दोनों के लक्षण कुछ मिलते-जुलते हैं, लेकिन बर्ड फ्लू का इलाज संभव है। ये पहले भी फैलता रहा है।

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कोरोना संक्रमण से बचाव की तरह बर्ड फ्लू में भी मास्क लगाएं, हाथ और मुंह धोते रहें और खाने-पीने में कच्चे खाद्य पदार्थों की जगह उबाला हुआ खाएं। अगर खाद्य पदार्थ अच्छे से पक सकता है तो बर्ड फ्लू से बचाव की संभावना बनी रहती है।

एक्सपर्ट के मुताबिक, बर्ड फ्लू में मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। कुछ लोगों को बुखार की शिकायत होती है। नाक बहने और उल्टी होने जैसे लक्षण भी देखने को मिलते हैं। कई मरीज हड्डियों में दर्द और मांसपेशियों में खिंचाव जैसा कुछ बताते हैं। सिर में लगातार दर्द रहना भी बर्ड फ्लू का ही एक लक्षण माना जाता है।

यदि रिहायशी इलाकों में या उसके आसपास कोई मुर्गी पालन केंद्र है तो वहां के लोगों को अधिक सावधानी बरतनी होगी। उस फार्म में बर्ड फ्लू के चलते पक्षियों की मौत हो रही है तो कुछ दिन के लिए फार्म को बंद करना ठीक रहेगा। बर्ड फ्लू भी कोरोना वायरस की भांति आंख, नाक और मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। यही वजह है कि बर्ड फ्लू में भी मास्क लगाने और हाथ धोने की सलाह दी जाती है।

समय पर इलाज न हो तो यह वायरस भी मनुष्यों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। नॉन-वेज खाने वालों को भी अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। बेहतर है कि वे कुछ समय तक इसे खाने से परहेज करें। यदि ये संभव नहीं है तो उसे ठीक से पकाकर खाएं। पकाने से पहले उसे उबाल भी लिया जाए। इससे कीटाणु होने की आशंका खत्म हो जाती है।

बर्ड फ्लू कोई नई बीमारी नहीं है। इसका प्रकोप पहले भी देखा गया है। समय रहते पता चल जाता है तो आसानी से इसका इलाज भी संभव है। चूंकि इसका आउटब्रेक पहले हुआ है, इसलिए इसका एंटीजन और म्यूटेशन बदलता रहता है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है।

मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान गुजरात, केरल और हरियाणा आदि राज्यों में बर्ड फ्लू तेजी से फैल रहा है। यहां पर बड़ी संख्या में कौओं और दूसरे पक्षियों के मारे जाने से डर का माहौल पैदा हो रहा है। राज्य सरकारों ने तेजी से सेंपल लेना शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य महकमा, पशुपालन विभाग और वन्य प्राणी विभाग की टीमें घटना स्थल का दौरा कर रही हैं।

पोल्ट्री फार्म की जांच की जा रही है। मध्य प्रदेश के मंदसौर में नॉन-वेज वाली दुकानों को बंद करने के आदेश जारी किए हैं। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को हिदायत दी है कि वहां ज्यादा संख्या में पोल्ट्री फॉर्म हैं और सेंपल की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है तो पक्षियों को मारने और जलाने का इंतजाम किया जाए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमों का गठन किया गया है।

हरियाणा के पंचकूला जिले के रायपुरानी इलाके में दर्जनों बड़े पोल्ट्री फार्म हैं। वहां पर हजारों पक्षियों की मौत हो चुकी है। हरियाणा पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. सुखदेव राठी का कहना है कि सुरक्षा के लिहाज से सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं। जांच के लिए करीब डेढ़ दर्जन सेंपल भेजे गए हैं। जब तक सेंपल की रिपोर्ट नहीं मिलती, तब तक बचाव के सभी उपाय किए जा रहे हैं। पोल्ट्री फार्म और नॉन-वेज वाली दुकानों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। बाहर की सप्लाई रोक दी गई है।

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